Monday, May 6, 2019

आकाशिक रिकार्ड्स - ब्रह्माण्ड का ज्ञान सागर

मेरा नाम अनुज है ! मैं आप का समय व्यर्थ नहीं करुगा न ही आप को विष्य वस्तु से दूर लेकर जाउगा लकिन कुछ भी शुरू करने से पहले ये बताना जरुरी हो जाता है की ऐसा करने का मेरा उदेश्य क्या है ! मैं विज्ञानं का छात्र रहचुका हूँ तो जाहिर सी बात है की मेरा नजरिया भी विज्ञानं से प्रेरित होगा लकिन जब मुझे अपने प्रश्नो के उतर विज्ञानं के माध्यम से नहीं मिलते तो विवशता वश मुझे अपने पुराने विज्ञानं का सहारा लेना पड़ता है ! जो की हमारे धार्मिक ग्रंथो मैं समायोजित है ! मैं एक आस्तिक हूँ और भगवन पर मेरा अटूट विश्वाश है ! इसी कारन मेरी ये हमेशा से इच्छा  रही है की मैं जानने  की कोशिश करू की आखिर भागवान कितना सच और कितना झूठ है ! अपने इन्ही अनुभवों को मैं आप के सामने रख रहा हूँ ! आशा करता हूँ आप लोगो का प्रेम और समर्थन मुझे मिलता रहेगा !

भगवत गीता मैं श्री हरी कृष्ण ने कहा है की मैं हर जगह वयाप्त हूँ ! कोई ऐसी जगह नहीं जहा मैं नहीं मैं हर चीज़ मैं हूँ हर जीवित प्राणी के ह्रदय मैं वास् करता हूँ ! जिव को मेरा ज्ञान नहीं पर मैं हर प्राणी को जानता हूँ ! मुझे श्री हरी की बात पर पूर्ण विश्वास है ! परन्तु अगर ये सच है तो लक्ष्य होते हुए भी विज्ञानं इसे सिद्ध क्यों नहीं कर पाया ! और मैंने इसी प्र्शन की खोज प्रारम्भ करदी ! मैंने हर वो वयवस्था जाने की कोशिश की जिसमे ये आभास हो की वास्तव मे जो गीता मैं कहा गया है ! वो सत्य है ! बहुत सी ऐसी जानकारी एकत्र करने पर भी जब मुझे अपने प्र्शन का उतर नहीं मिला तो मैं भगवत गीता की ही शरण मे गया और मैंने योग साधना के विषय मे पढ़ा ! मे योग के बारे मे ज्यादा तो नहीं जानता पर इतना पता था की ईश्वर प्राप्ति और मेरे प्र्शन का हल इसी से संभव है !

मैंने योग का मार्ग चुना पर बहुत प्रयत्न करने पर भी कुछ मिलना पाया मेरी उत्सुकता मुझे चैन से बैठ ने ही नहीं दे रही थी ! रात दिन मुझे एक ही प्र्शन दिखाई देने लगा तब मैंने पुस्तकों का सहारा लिया और एक दिन पढ़ते पढ़ते मैंने आकाशिक रिकार्ड्स के बारे मे पढ़ा वैसे तो आकाशिक रिकार्ड्स मे केवल मनुष्य के कर्मो का लेखा जोखा रखा जाता है ! पर इसे जानना उत्सुकता से भरा था तो मैंने इसी विषय को टटोलना शुरू किया और पाया की यदि आकाशिक रिकार्ड्स मे मनुष्य का जीवन काल का सारा विवरण है ! तो हर चीज़ आपस मे इसतरह जुडु हुई है की पृथक देख पाना कठिन है! जैसे अगर कोई घर से निकला और वर्षा के कारन भीग गया तो वर्षा भी कहानी का हिंसा बनजाये गी तो समझ गया की आकाशिक रिकार्ड्स वास्तव मे ब्राह्मण का ज्ञान है और हर ज्ञान इसमे मिलसकता है ! यहाँ तक की मेरे प्र्शन का उतर भी !

मैंने आकाशिक रिकार्ड्स के बारे मे अधिक से अधिक जानकारी इकठा करना शुरू किया मे बहुत उत्सुक था शायद मुझे अपने प्रश्न का उतर मिलने ही वाला था लकिन यह इतनी आसानी से नहीं होने वाला था ! मुझे मालूम हुआ की यदि आकाशिक रिकार्ड्स का अद्ययन करना है तो फिर से ध्यान या योग का ही मार्ग शेष है ! इसबार मे हताश था अपनी पूरी कोशिश करने के बाद भी मैं कुछ कर नहीं पा रहा था ! पर मेरी उत्सुकता मेरी हताशा पर भारी पड़ने लगी और मैंने मेडिटेशन करना शुरू कर दिया कई दिन बीत गए अब मेरी इच्छा शक्ति टूट ने लगी तो मैंने मेडिटेशन को सही से करने का निश्चय किया पर कुछ मिल न पाया लकिन अब मुझे शांति मिलने लगी थी और मे अब खुश था ! परन्तु उत्सुकता अभी भी मेरे पीछे हाथ धो कर पड़ी थी ! तो मैंने मेडिटेशन मे आकाशिक रेकर्डस की कल्पना करने लगा और ये माने लगा की मेरे प्रश्न का उतर मुझे मिलने ही वाला है !












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